Sunday, 7 May 2017

गीता प्रबोधनी - ग्यारहवाँ अध्याय (पोस्ट.२७)

॥ ॐ श्रीपरमात्मने नम:॥


वायुर्यमोऽग्निर्वरुणः शशाङ्कः प्रजापतिस्त्वं प्रपितामहश्च।
नमो नमस्तेऽस्तु सहस्रकृत्वः पुनश्च भूयोऽपि नमो नमस्ते।।३९।।

आप ही वायु, यमराज, अग्नि, वरुण, चन्द्रमा, दक्ष आदि प्रजापति और प्रपितामह (ब्रह्माजी के भी पिता) हैं । आपको हजारों बार नमस्कार हो ! नमस्कार हो ! और फिर भी आपको बारबार नमस्कार हो ! नमस्कार हो !

ॐ तत्सत् !

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