Friday, 24 March 2017

गीता प्रबोधनी - छठा अध्याय (पोस्ट.०७)


जितात्मन: प्रशान्तस्य परमात्मा समाहित:।
शीतोष्णसुखदु:खेषु तथा मानापमानयो:॥ ७॥

जिसने अपनेपर विजय कर ली है, उस शीत-उष्ण (अनुकूलता-प्रतिकूलता),सुख-दु:ख तथा मान-अपमान में निर्विकार मनुष्य को परमात्मा नित्यप्राप्त हैं।

ॐ तत्सत् !

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